Om Prakash Laghar

Om Prakash Laghar

@om-prakash-laghar

Om Prakash Laghar shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Om Prakash Laghar's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
हर इक शख़्स के अपने तसव्वुर और गुमाँ तक है
किसे मालूम है वर्ना हद-ए-इरफ़ाँ कहाँ तक है

हमें तो देखना है हिम्मत-ओ-जुरअत कहाँ तक है
हमारी ज़िंदगी वर्ना फ़क़त ज़ब्त-ए-फ़ुग़ाँ तक है

जुनून-ए-इश्क़ में आह-ओ-फ़ुग़ाँ शिकवा गिला कैसा
अगर है भी तो वो आख़िर हमारे मेहरबाँ तक है

जुनूँ की वुसअ'तों का कोई अंदाज़ा न कर पाया
रसाई अक़्ल-ए-इंसाँ की फ़क़त सूद-ओ-ज़ियाँ तक है

क़दम चलने से क़ासिर हैं अँधेरी रात है सर पर
बता दे काश ये कोई मुझे चलना कहाँ तक है

किसी भी आस्ताँ पर अब ख़ुदी जाने नहीं देती
हमारी इल्तिजा तो मालिक-ए-कौन-ओ-मकाँ तक है

हमेशा अहल-ए-दिल ही वक़्त के धारे बदलते हैं
जो बुज़दिल हैं रसाई उन की बस आह-ओ-फ़ुग़ाँ तक है

पस-ए-मुर्दन कोई भी नाम तक उन का नहीं लेता
जो समझे थे हमारा तज़्किरा रहते जहाँ तक है

बहार-ए-गुल्सिताँ तो है ख़ुदा के हाथ ऐ 'लाग़र'
बस इक फ़र्ज़-ए-निगहबानी निगाह-ए-बाग़बाँ तक है
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Om Prakash Laghar