पूछते हो तो बताता हूँ मुझे क्या चाहिए
चीख कर मैं रो सकूँ इक दर्द ऐसा चाहिए
गुस्सा, नफ़रत, वार सह ले यार ऐसा चाहिए
खुल के बोलो ना कि तुमको इक खिलौना चाहिए
कैसे बरसों बाद मिलके मुस्कुरा सकते हो तुम
शर्म के मारे तुम्हें तो डूब मरना चाहिए
दर्द जब भी हद से गुज़रे मेरी मानो तो तुम्हें
और ज़्यादा और ज़्यादा मुस्कुराना चाहिए
आपकी ख़ातिर ही ग़म से दोस्ती की इसलिए
शायरों से जब मिलें हँसना हँसाना चाहिए
जो नए शा'इर हैं उनको ये नसीहत है मेरी
जितना ज़्यादा हो सके ख़ुद को रुलाना चाहिए
आँखें मूँदे साथ चल दे इस भरोसे के लिए
सबसे पहले तो ख़ुदी को आज़माना चाहिए
ठीक है आ जाओ तुम घर में अकेला हूँ मैं आज
तुमको तो हर बार बस कोई बहाना चाहिए
मेरी क़िस्मत में किसी का साथ ज़्यादा दिन नहीं
इससे पहले रब ये देखे तुमको जाना चाहिए
जब कि सब हुश्यार ही बैठे हुए हैं अब यहाँ
फिर मुझे इस बज़्म से फ़ौरन निकलना चाहिए
अब हों धरती पर फ़रिश्तें कब कहा मैंने कि बस
कह सकें इंसाँ को इंसाँ ऐसी दुनिया चाहिए
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