umr-e-rafta ki kahaani kya hai
ek tohmat hai jawaani kya hai
mere ashkon ki rawaani dekhi
tere khanjar ki rawaani kya hai
tere mehboob tabassum ka jawaab
meri aashufta-bayaani kya hai
raat rote hue guzregi zaroor
warna ye dil pe giraani kya hai
dushman-e-zeest pe jaan deta hoon
aur jeene ki nishaani kya hai
haath mein teg hai bal chitwan par
aaj ye aap ne thaani kya hai
ahad-e-peeri mein rulaati hai lahu
haaye kambakht jawaani kya hai
ek mauhoom sa toofan-e-khudi
kuchh nahin josh-e-jawaani kya hai
उम्र-ए-रफ़्ता की कहानी क्या है
एक तोहमत है जवानी क्या है
मेरे अश्कों की रवानी देखी
तेरे ख़ंजर की रवानी क्या है
तेरे महबूब तबस्सुम का जवाब
मेरी आशुफ़्ता-बयानी क्या है
रात रोते हुए गुज़रेगी ज़रूर
वर्ना ये दिल पे गिरानी क्या है
दुश्मन-ए-ज़ीस्त पे जाँ देता हूँ
और जीने की निशानी क्या है
हाथ में तेग़ है बल चितवन पर
आज ये आप ने ठानी क्या है
अहद-ए-पीरी में रुलाती है लहू
हाए कम्बख़्त जवानी क्या है
एक मौहूम सा तूफ़ान-ए-ख़ुदी
कुछ नहीं जोश-ए-जवानी क्या है
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