kitna us se faasla hai ye na mujhse poochiye
koi raabta ya silsila hai ye na mujhse poochiye
jisne bhi kiya usne duboi hai kashti apni
ye ishq hai ki jaljala hai ye na mujhse poochiye
hosh kisi baat ka mujhko nahi hai aajkal
bura kya है,kya bhala है,ये na mujhse poochiye
shikaari ne maar dale parinde sabhi us shazr ke
phir ye kiska ghonsla hai ye na mujhse poochiye
uske bina berang sab aur vo chahiye bhi nahi
kaisa ajab ye mas'ala hai ye na mujhse poochiye
कितना उस से फाँसला है ये न मुझसे पूछिये
कोई राब्ता या सिलसिला है ये न मुझसे पूछिये
जिसने भी किया उसने डुबोई है कश्ती अपनी
ये इश्क़ है कि जलजला है ये न मुझसे पूछिये
होश किसी बात का मुझको नही है आजकल
बुरा क्या है,क्या भला है,ये न मुझसे पूछिये
शिकारी ने मार डाले परिंदे सभी उस शज़र के
फिर ये किसका घोंसला है ये न मुझसे पूछिये
उसके बिना बेरंग सब और वो चाहिए भी नही
कैसा अजब ये मस'अला है ये न मुझसे पूछिये
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