तू ही बता क्या करूँ मैं असीर-ए-इश्क़ हूँ,
तुझको कैसे छोड़ दूँ,मैं असीर-ए-इश्क़ हूँ
तूने दिल भी दुखाया है और रुलाया भी
फिर भी रुका रहा ना? मैं असीर-ए-इश्क़ हूँ
फ़ोटो देके पूछती हो कैसा है ये लड़का
यहाँ तो चुप ही रहूँगा,मैं असीर-ए-इश्क़ हूँ
तुम यूँ न रोओ मुझसे बिछड़ते हुए जानां
पर मुझको रोने दो, मैं असीर-ए-इश्क़ हूँ
उम्र,जात,हकीकत,मुस्तकबिल और नौकरी
ये सब भी देखता, पर मैं असीर-ए-इश्क़ हूँ
ये बात तुमको झूठ क्यों लगती है 'ओम'
सच तो कहा है मैंने,मैं असीर-ए-इश्क़ हूँ
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