मुझे रंज वाली बातें बताते बहुत हैं आप
दिल आजकल मेरा दुखाते बहुत हैं आप
ये तीरगी, दर्द, बेचैनी, उदासी और तन्हाई
अक्सर इसका मजाक उड़ाते बहुत हैं आप
आप की ही शम'अ से रौशन है मेरा दिल
जान बूझकर इसे बुझाते बहुत हैं आप
ख़ुद तो नहीं चलते हैं आप साथ मेरे कभी
कोई हाथ पकड़ लो, सिखाते बहुत हैं आप
हमने क्या चाहा है मोहब्बत के सिवा, बताएँ
बेरुखी हमसे बेवजह जताते बहुत हैं आप
इक आप के सिवा कोई है भी तो नही मेरा
ये सोचकर ही शायद रुलाते बहुत हैं आप
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