कहने को तो यार पुरानी बातें हैं
फिर भी लगता है कल की ही बातें हैं
चुप रहना हो तो चुप भी रह सकते हैं
करनी हो तो कितनी सारी बातें हैं
ये जो मैं सारी दुनिया से करता हूँ
ये जो हैं वो तेरी-मेरी बातें हैं
तेरे बिन काफ़ी अच्छे से रहता हूँ
सच लगती हैं पर ये झूठी बातें हैं
तुझ को वक़्त मिलेगा शायद इक दिन तो
तुझ को पास बिठा कर करनी बातें हैं
पहले उससे रोज़ मिला करते थे और
अब बस तस्वीरों से होती बातें हैं
उसकी बातें तुम दिन भर सुन सकते हो
वो कुछ इस लहजे में करती बातें हैं
एक दफ़ा में सारी बातें कर लोगे
और कभी फिर जो भी बाक़ी बातें हैं
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