जब से फल आए हैं शाख़ों में लचक जारी है
मेरे बाग़ान में चिड़ियों की चहक जारी है
नींद गहरी थी कि ख़्वाबों में छुआ था उसने
नींद टूटी है मगर फिर भी महक जारी है
मेरे महताब तेरी याद में वो जादू है
नींद ग़ायब है कि आँखों में चमक जारी है
हमने एक बार रिहर्सल पे सुना था उसको
आज तक कान में पायल की खनक जारी है
जब से उन मद-भरी आँखों को मैंने देखा है
वादी-ए-इश्क़ में जीने की ललक जारी है
खुल के इज़हार सर-ए-आम किया है हमने
फ़र्क़ इतना है कि लफ़्ज़ों में झिझक जारी है
मेरे महबूब तू साँसो में घुला है मेरी
अश्क मीठे हैं मोहब्बत में सिसक जारी है
जी में आता है कि सीने से लगा लूँ उसको
आज तक भी उसे खोने की कसक जारी है
याद है बात बड़े शौक़ से वो कहता था
तेरे ही नाम से इस दिल की धड़क जारी है
होश में हूँ कि किसी और का हक है उस पर
लौट कर आएगा एक दिन ये सनक जारी है
जाते जाते हुए फ़रमान दिया था उसने
उसका फ़रमान वही आज तलक जारी है
अपने इस क़ैद से आज़ाद करो अब मुझको
ऐसे ज़िंदाँ में गुज़िश्ता की झलक जारी है
मेरे क़िस्मत में तो कुछ और ही लिख रक्खा है
तेरे किरदार पे बेकार ही शक जारी है
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