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तपते सहरा में न दरिया की रवानी में हूँ मैं - Asif Kaifi

तपते सहरा में न दरिया की रवानी में हूँ मैं
अबके किरदार किसी और कहानी में हूँ मैं

इक खंडर ही सही पर याद ये रखना फिर भी
तेरे अजदाद की बोसीदा निशानी में हूँ मैं

तू तो है आज भी नफ़रत का फ़साना लेकिन
अब भी किरदार मुहब्बत की कहानी में हूँ मैं

मुझको मतलब है कहां सुबह की रानाई से
कब से खोया हुआ इक रात की रानी में हूँ मैं


लोग जानेंगे कहाँ मेरी हक़ीक़त आसिफ
चाँद का अक्स हूँ पर गादले पानी में हूँ मैं

- Asif Kaifi

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Tapte sehra mein na dariya ki ravani mein hoon main

Voice: Asif Kaifi

01:35

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Mohabbat Shayari

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