दिल दुखाने को आए हो तुम
फिर रुलाने को आए हो तुम
क्या नए किस्म का कुछ सितम
आजमाने को आए हो तुम
चिट्ठियां लाए हो या परन्द
आबोदाने को आए हो तुम
पास आओगे या दूरियां
और बढ़ाने को आए हो तुम
जलने दो मेरे दिल का चराग़
क्यों बुझाने को आए हो तुम
दिल में है एक अजब सी लहर
कि बुलाने को आए हो तुम
हम जैसे फ़क़ीरों के पास
क्या चुराने को आए हो तुम
ये न कहना कि इस बार तो
कुछ गंवाने को आए हो तुम
मान लूं मैं कि मजबूर हो तुम
क्या हंसाने को आए हो तुम
रेत पर जो लिखा ही नहीं
वो मिटाने को आए हो तुम
तुमको है कुछ खबर कुछ हिसाब
एक जमाने को आए हो तुम
मुझको शक है बहारों का गीत
गुनगुनाने को आए हो तुम
महके महके इशारों से क्या
घर गिराने को आए हो तुम
अब समंदर में घर है मेरा
क्या डूबाने को आए हो तुम
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