उसको रोता देख कर मुझको भी रोना आ गया
सच कहें तो प्यार में अब एक होना आ गया
शर्त हमको अब पता चलने लगी है इश्क़ की
उसको जैसे पाते-पाते ख़ुद को खोना आ गया
हटते-हटते आज पर्दा उसके चेहरे से हमें
नींद उतरी आँख में तो हमको सोना आ गया
कुछ पलों का चैन यूँ देने लगे तुम आज-कल
हाथ में बच्चे के जैसे इक खिलौना आ गया
सुनते आए हैं पहेली ख़ुसरो दरिया प्रेम का
डूबने से पहले ख़ुद उसको डुबोना आ गया
आँसुओं से ग़म को धोना अब पुराना हो चला
ख़ून-ए-दिल यूँ आँसुओं से जबसे धोना आ गया
हमने उसको कुछ न बोला बस ग़ज़ल ही दे गए
हाल जो तोयेश ग़ज़लों में पिरोना आ गया
Read Full