तुमने कभी न समझा इस सादगी का मतलब
तुमको पता लगेगा मेरी कमी का मतलब
ग़म झेल कर भी सारे तुम मुस्कुरा रहे हो
शायद समझ गए हो तुम ज़िंदगी का मतलब
आदत यही है तेरी हँस हँस के बात करना
मैं देर से हूँ समझा तेरी हँसी का मतलब
बेटी के पास बैठे शादी के दिन पिता जी
समझाने फिर लगे वो शर्मिंदगी का मतलब
मछली को जैसे पानी तुम वैसे मुझको जानी
अब तो जनाब समझो तुम लाज़मी का मतलब
वो दूर दूर रहना पूछो तो कुछ न कहना
मेरे अलावा भी था वो तब किसी का मतलब
कहता है ठीक है सब रखता छुपा के हर दम
इक आदमी ही जाने इक आदमी का मतलब
हो शेर ये किसी का या हो ग़ज़ल किसी की
मेरे लिए तो तुम हो हर शायरी का मतलब
क्यों बाप मर गया था पंखे से यूँ लटक कर
बेटे को क्या बताए माँ ख़ुदकुशी का मतलब
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