अनगिनत उपकार भूल जाएँ
दोस्तों का प्यार भूल जाएँ
बेटा तो नादान है मगर हम
बाप का किरदार भूल जाएँ
एक ग़लती हो तो ठीक साहब
बोलिए हर बार भूल जाएँ
वार जिससे आपने किया है
तीर या तलवार भूल जाएँ
नौकरी तो ठीक है मगर ये
यार का इतवार भूल जाएँ
प्यार से मिलते रहें, ये नफ़रत
आइए सरकार भूल जाएँ
किसने ग़द्दारी हुज़ूर की थी
कौन था ख़ुद्दार भूल जाएँ
ज़िन्दगी क्या है कुमार भाई
ख़ुशनुमा संसार भूल जाएँ
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