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तन्हाइयों ने बारे-सितम चूर कर दिया  - Asif Kaifi

तन्हाइयों ने बारे-सितम चूर कर दिया
मुझको मेरे ख़िलाफ़ ही मामूर कर दिया

यकदम दयारे-दिल मे ये कैसी हवा चली
इक पल में सारा ग़म मेरा काफ़ूर कर दिया

ग़फ़लत शिआरियों ने तुम्हारी ऐ जाने-जाँ
पैमाना मेरे सब्र का मा'मूर कर दिया

इक उम्र जिसको सबसे छुपाता रहा हूँ मैं
अश्क़ों ने उसी हाल को मज़कूर कर दिया

माना कि बेबसी सही पैमां का तोड़ना
तुमने तो इस अमल को ही दस्तूर कर दिया

- Asif Kaifi

Tanhai Shayari

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