मिले बदले में दिल के दिल हमेशा हो नहीं सकता
ज़रा समझो मुहब्बत है कि सौदा हो नहीं सकता
तुम्हारी याद के अहबाब मेरे पास रहते हैं
मैं चाहूँ तो किसी भी हाल तन्हा हो नहीं सकता
जुबां में तल्खियाँ मेरे कभी देखो न आयेंगी
तेरे लहजे के जैसा मेरा लहजा हो नहीं सकता
समेटो आसमां चाहे ज़मीं भी नाप लेना तुम
मगर सच है कभी इनका किनारा हो नहीं सकता
लबों पर रख हँसी उम्मीद का दामन बिछाता हूँ
मगर ग़म ज़िन्दगी का भी पराया हो नहीं सकता
गिराओ तुम मुझे फिर भी मदद का हाथ दूँगा मैं
नज़र में खुद की तो किरदार अदना हो नहीं सकता
फ़क़त यूँ चाहने भर से 'प्रिया' मंज़िल नहीं मिलती
किसी मंज़िल का यूँ भी आसाँ रस्ता हो नहीं सकता
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