0
Poetry Events
Blog
Shayari Moods
Writers
Listen Shayari
Search
Shayari On Whatsapp
Help & Support
Search
Shayari
Writers
Events
Blog
Store
Community
Help
Login
By:
00:00/00:00
Top 20
Muflisi Shayari
धूप पड़े उस पर तो तुम बादल बन जाना
अब वो मिलने आये तो उसको घर ठहराना।
तुमको दूर से देखते देखते गुज़र रही है
मर जाना पर किसी गरीब के काम न आना।
Read Full
Tehzeeb Hafi
104 Likes
20
Download Image
लूटा दी दौलत उम्र भर की
फिर भी वो दिल से गरीब रहे
ज़ख्म देते रहे अपने हर पल
जो जितने दिल के करीब रहे
Read Full
Anurudh kumar shastri
3 Likes
19
Download Image
दो दफ़ा ग़ुस्सा हुए वो एक ग़लती पर मेरी
रात की रोटी सवेरे काम में लाई गई
Tanoj Dadhich
13 Likes
18
Download Image
मुफ़लिसी थी और हम थे घर के इकलौते चराग़
वरना ऐसी रौशनी करते कि दुनिया देखती
Kashif Sayyed
51 Likes
17
Download Image
दफ़्तरी से तो फ़क़त रोटी ही चल सकती है अपनी
साँसों की ख़ातिर ज़रूरी शाइरी करना है साहिब
Harsh saxena
8 Likes
16
Download Image
पहला इश्क़ सफल हो जाए यार कहाँ ये मुमकिन है
पहली रोटी गोल बने ये तो लगभग नामुमकिन है
Rituraj kumar
35 Likes
15
Download Image
लो चाँद हो गया नमू माह-ए-ख़राम का
ऐ मोमिनों लिबास-ए-सियाह ज़ेब-ए-तन करो
फ़र्श-ए-अज़ा बिछा के अज़ाख़ाने में शजर
अब सुब्ह-ओ-शाम ज़िक्र-ए-ग़रीब-उल-वतन करो
Read Full
Shajar Abbas
1 Like
14
Download Image
हसीं ख़्वाबों को अपने साथ में ढोती हुई आंँखे
बहुत प्यारी लगी हमको तेरी सोती हुई आंँखे
मोहब्बत में ये दो क़िस्से सुना है रोज़ होते हैं
कभी हँसता हुआ चेहरा कभी रोती हुई आंँखे
Read Full
Naimish trivedi
5 Likes
13
Download Image
गुज़ार देते हैं रातें पहलू में उसके
जुगनू को भी दर का फ़क़ीर बना रखा है
ALI ZUHRI
9 Likes
12
Download Image
जितने मर्ज़ी महँगे पकवानों को खालो तुम
घर की रोटी तो फिर घर की रोटी होती है
Sarvjeet Singh
0 Likes
11
Download Image
माँ के हाथों का रोटी का टुकड़ा भी
पूरी दिन की भूख मिटाया करता था
Meem Alif Shaz
2 Likes
10
Download Image
इतनी ग़ुरबत देखी नहीं जाती
सूखी रोटी खायी नहीं जाती
Meem Alif Shaz
1 Like
9
Download Image
लूट ली मुस्कान उसकी मुफ़लिसी ने सस्ते में
अब किताबों की जगह कुछ बोलते हैं बस्ते में
Sandeep dabral 'sendy'
0 Likes
8
Download Image
ख़िलाफ़-ए-शर्त-ए-अना था वो ख़्वाब में भी मिले
मैं नींद नींद को तरसा मगर नहीं सोया
ख़िलाफ़-ए-मौसम-ए-दिल था कि थम गई बारिश
ख़िलाफ़-ए-ग़ुर्बत-ए-ग़म है कि मैं नहीं रोया
Read Full
Khalil Ur Rehman Qamar
29 Likes
7
Download Image
न तीर्थ जा कर न धर्म ग्रंथो का सार पा कर
सुकूँ मिला है मुझे तो बस तेरा प्यार पा कर
ग़रीब बच्चे किताब पढ़ कर सँवर रहे हैं
अमीर लड़के बिगड़ रहे हैं दुलार पा कर
Read Full
Alankrat Srivastava
8 Likes
6
Download Image
तकब्बुर तू दौलत पे इतना भी मत कर
चिपक सकती है तुझ से ग़ुर्बत कभी भी
Parvez Shaikh
0 Likes
5
Download Image
इंसाँ के ज़मीरों को जला देती है ग़ुर्बत
कुछ बात है दर उसका अँधेरे में खुला है
Navneet krishna
4 Likes
4
Download Image
ऐ ख़ुदा तेरा निज़ाम लगता है सही नहीं
कोई राज भोग खाए कोई रोटी भी नहीं
Jagat Singh
2 Likes
3
Download Image
पहली ग़लती पर मत छोड़ो मुझको तुम
पहली रोटी गोल नहीं बनती जानाँ
Tanoj Dadhich
35 Likes
2
Download Image
सच की डगर पे जब भी रक्खे क़दम किसी ने
पहले तो देखी ग़ुर्बत फिर तख़्त-ओ-ताज देखा
Amaan Pathan
8 Likes
1
Download Image
Get Shayari on your Whatsapp
How's your Mood?
View All
Aasman Shayari
Maut Shayari
Jawani Shayari
Dar Shayari
Tasawwur Shayari
Attitude Shayari
Tevar Shayari
Paani Shayari
Aankhein Shayari
Ulfat Shayari
Qismat Shayari
Insaan Shayari