आप से रूठ कर हम किधर जाएँगे
आपके बिन तो जैसे यूँ मर जाएँगे
दो क़दम दूर तुमसे अगर जाएँगे
तुम ही तुम बस दिखोगे जिधर जाएँगे
जान सकता नहीं कब हुआ क्या हुआ
आप आँखों से दिल में उतर जाएँगे
रास्ते ज़िंदगी के मिलें तो मिलें
आप को पा गए तो सँवर जाएँगे
कोई पूछेगा गर ग़म दिए आप ने
हँसते हँसते ही हम तो मुकर जाएँगे
साथ ही साथ में अब रहेंगे यूँ हम
तुम जिधर जाओगे हम उधर जाएँगे
लापता हैं बहुत अपने ही आप से
आप से मिल के हम तो निखर जाएंगे
अपना बुद्धू कहो अपना बुद्धू कहो
हम सुनेंगे खुशी से भी भर जाएंगे
मुश्किलों से मिलेंगे बहुत दिन के बाद
तो न कहना ये हमको कि घर जाएंगे
तुम तो समझो ज़रा अपने तोयेश को
तुम कहोगे तो वो भी सुधर जाएंगे
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