tujhko nahin pyaare hue to kya hua
hain waqt ke maare hue to kya hua
saari udaasi mere chehre par agar
dera abhi dare hue to kya hua
ham jang tujhse jeet lenge zindagi
gar hain abhi hare hue to kya hua
hain ashk saare motiyon se keemati
thoda bahut khaare hue to kya hua
khud ki anal se hai chamakna jaante
ham doobte taare hue to kya hua
hai hi nahin vo raunaq-e-mehfil yahan
tere siva saare hue to kya hua
तुझको नहीं प्यारे हुए तो क्या हुआ
हैं वक़्त के मारे हुए तो क्या हुआ
सारी उदासी मेरे चेहरे पर अगर
डेरा अभी डारे हुए तो क्या हुआ
हम जंग तुझसे जीत लेंगे जिंदगी
गर हैं अभी हारे हुए तो क्या हुआ
हैं अश्क सारे मोतियों से कीमती
थोड़ा बहुत खारे हुए तो क्या हुआ
ख़ुद की अनल से है चमकना जानते
हम डूबते तारे हुए तो क्या हुआ
है ही नहीं वो रौनक़-ए-महफ़िल यहाँ
तेरे सिवा सारे हुए तो क्या हुआ
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