इश्क़ का फैसला ग़लत हुआ तो?
रात भर जागना ग़लत हुआ तो?
दिल कहाँ इतना सोच पाता है
आँख में डूबना ग़लत हुआ तो?
कई मासूम जां से जायेगें
तेरा कुछ भी कहा ग़लत हुआ तो
वो बिछड़कर के मुझसे खुश होगा
मेरा ये सोचना ग़लत हुआ तो?
इश्क़ लायक नहीं भरोसे के
बाद में रास्ता ग़लत हुआ तो?
भरी आँखों से पूछा था किसी ने
लखनऊ छोड़ना ग़लत हुआ तो।।
उसको कर तो दूँ बेनक़ाब मगर
यार गुस्सा मिरा ग़लत हुआ तो?
हिज़्र के नागवार मौसम में
खिड़कियाँ खोलना ग़लत हुआ तो?
ढूंढने चल दिए तो हो खुद को
तेरा ये भी पता ग़लत हुआ तो?
मेरे अगलात सामने रक्खो
बाद में टोकना ग़लत हुआ तो?
Our suggestion based on your choice
As you were reading Shayari by Ved prakash Pandey
our suggestion based on Ved prakash Pandey
As you were reading Dil Shayari