कहाँ हम सुखन का क़मर जानते हैं - Kunu

कहाँ हम सुखन का क़मर जानते हैं
मगर इस इरम का असर जानते हैं

हुआ इक कहानी तमाशा क़ज़ा जब
ख़फ़ा सब गुलिस्ताँ ख़बर जानते हैं

जहाँ भी अदा बारहा इल्तिजा तो
वफ़ा से अमाँ की नजर जानते हैं

नहीं है जुनूँ दरमियाँ हम-ज़बाँ जब
बयाबाँ बयाबाँ बसर जानते हैं

हुआ है मुक़र्रर रवानी कुनू सब
भला अब इसी में जिगर जानते हैं

- Kunu
1 Like

More by Kunu

As you were reading Shayari by Kunu

Similar Writers

our suggestion based on Kunu

Similar Moods

As you were reading undefined Shayari