ye jo ik sail-e-fana hai mere peeche peeche
mere hone ki saza hai mere peeche peeche
aage aage hai mere dil ke chatkhane ki sada
aur meri gard-e-ana hai mere peeche peeche
zindagi thak ke kisi mod pe rukti hi nahin
kab se ye aabla-pa hai mere peeche peeche
apna saaya to main dariya mein baha aaya tha
kaun phir bhag raha hai mere peeche peeche
paanv par paanv ko rakhta hai chala aata hai
mera naqsh-e-kaf-e-paa hai mere peeche peeche
meri tanhaai se takra ke palat jaayegi
ye jo khushboo-e-qaba hai mere peeche peeche
main to dauda hoon khud apne hi ta'aqub mein fareed
chaand kyun bhag pada hai mere peeche peeche
ये जो इक सैल-ए-फ़ना है मिरे पीछे पीछे
मेरे होने की सज़ा है मिरे पीछे पीछे
आगे आगे है मिरे दिल के चटख़ने की सदा
और मिरी गर्द-ए-अना है मिरे पीछे पीछे
ज़िंदगी थक के किसी मोड़ पे रुकती ही नहीं
कब से ये आबला-पा है मिरे पीछे पीछे
अपना साया तो मैं दरिया में बहा आया था
कौन फिर भाग रहा है मिरे पीछे पीछे
पाँव पर पाँव को रखता है चला आता है
मिरा नक़्श-ए-कफ़-ए-पा है मिरे पीछे पीछे
मेरी तंहाई से टकरा के पलट जाएगी
ये जो ख़ुशबू-ए-क़बा है मिरे पीछे पीछे
मैं तो दौड़ा हूँ ख़ुद अपने ही तआक़ुब में 'फ़रीद'
चाँद क्यूँ भाग पड़ा है मिरे पीछे पीछे
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