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अपने न जल सके तो हमारे बुझा दिये  - Ahmad Muneeb

अपने न जल सके तो हमारे बुझा दिये
जितने भी थे चराग़ वो सारे बुझा दिए

इस बार दे ही देता मैं दुश्मन को मात भी
लेकिन ये किस ने मेरे सहारे बुझा दिए

इन आँसुओं की भीड़ से टूटा है हौसला
बारिश ने आज फिर से सितारे बुझा दिए

वहशत-ज़दा हुआ था तो आँखों को चीर कर
आते थे जितने ख़्वाब तुम्हारे बुझा दिए

ये बात तय हुई थी कि जलते रहें दिए
लेकिन ये क्या कि दिल से उतारे बुझा दिए

- Ahmad Muneeb

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