तुम भी मुझको ऐसा वैसा समझे क्या
होश में आओ अपने जैसा समझे क्या
उनके लबों पर मेरा चर्चा समझे क्या
कैसे बही ये उल्टी गंगा समझे क्या
लाख उसे दुनियादारी समझाई मगर
दीवाना तो फिर दीवाना समझे क्या
हस्ती को हंस हंस के मिटाना पड़ता है
दिल का लगाना खेल तमाशा समझे क्या
आँखो ही आँखो में तुमको ऐ हमदम
अब तक मैंने जो समझाया समझे क्या
वो मासूम तो एक खिलौना समझेगा
अंगारा या फूल है बच्चा समझे क्या
पाप दिलों में खोट है सबकी आँखों में
तेरा मेरा रिश्ता दुनिया समझे क्या
आपने ही जब ग़ैर बना डाला मुझको
कोई मुझे दुनिया में अपना समझे क्या
मैं इक चाँद हूं अपने गगन का ऐ काशिफ़
आप मुझे टूटा हुआ तारा समझे क्या
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