मुहब्बत का जब जब इशारा हुआ है
परेशान तब दिल हमारा हुआ है
मुनाफ़ा हुआ है भला इसमें किसको
मुहब्बत में सबका ख़सारा हुआ है
जुदा हम हुए इस तरह से कि जैसे
जुदा चाँद से इक सितारा हुआ है
लगाए हैं हम जिस दुपट्टे को दिल से
हमारे सनम का उतारा हुआ है
उसे हैं मिले ज़िंदगी में सभी सुख
हमारा यहाँ बस गुज़ारा हुआ है
मिरा हौसला भी बड़ा ही अजब है
मुझे इश्क़ देखो दुबारा हुआ है
सभी लोग मतलब से हैं रखते रिश्ते
यहाँ कौन किसका सहारा हुआ है
तुझे दुश्मनों से बचाया ख़ुदा ने
मुझे तो ख़ुदा ने ही मारा हुआ है
समझ के परे है ये जंग-ए-मुहब्बत
यहाँ जीतने वाला हारा हुआ है
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