मैं आदत से बीमार लगने लगा था
किसी का मैं अब प्यार लगने लगा था
जिसे घर बसाना था जानें ये फ़िर क्यों
मैं उसको भी दीवार लगने लगा था
मेरी दुश्मनी की हदें देखकर अब
मैं दुश्मन को भी यार लगने लगा था
रहा उनके झगड़े पे मैं चुप हमेशा
सो उनको तरफदार लगने लगा था
तवज्जो ने मेरी बिगाड़ा था शायद
जो लड़का समझदार लगने लगा था
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