Jai Prakash Narayan Pandey

Jai Prakash Narayan Pandey

@AnantShahrag

Jai Prakash Narayan Pandey shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Jai Prakash Narayan Pandey's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
कहना सुनना छूट चुका है
दुनिया ने ऐसे लूटा है

कहने को उर्दू है आती
क्या वो इतना पढ़ा लिखा है

वहशी जिसको सब कहते हैं
मुझको तो आ'शिक़ लगता है

मेरा दिल दरिया है मानो
दरिया जो कब से सूखा है

तुमको है चाहत फूलों की
काँटों का भी दिल होता है

दुनिया ग़ुस्सा हो जाएगी
तेरी मेरी वो मंशा है

बूँद बूँद से बनता सागर
भरने से सब कुछ भरता है

और सुनो इक बात पते की
सैदा भी यारों शैदा है

ख़त लिखने का समय नहीं था
झगड़ा करने जो आया है

मुझे पता है धोखा देगा
वादे पे वादा करता है

दरिया मुझसे आँसू माँगे
देखो तो कितना प्यासा है

इ'श्क़ मुहब्बत मुझसे सीखो
क़ैस मिरा भाई लगता है

'शहरग' बस ग़ज़लें कहते हो
और तुम्हें आता क्या क्या है
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Jai Prakash Narayan Pandey
मुहब्बत अश्क है अफ़सोस है या बस कहानी है
मुहब्बत इश्क़ है एहसास है शायर बयानी है

नदी भी देख कर मुझको तो यूँ हैरान रहती है
कि सहरा हो के कैसे इस में दरिया सी रवानी है

बता दूँ राज़-ए-शादाबी मिरी क्या इस ज़माने को
ये उसके मुस्कुराहट की ही मुझ पे मेहरबानी है

मैं जब भी उससे मिलता खुल के कुछ भी कह नहीं पाता
अगरचे याद मुझको वादे सारे मुँह ज़बानी है

ग़मो की सेज है माना मुहब्बत इस ज़माने की
ये लुत्फ़-ए-ज़िंदगानी पर हमें तो आज़मानी है

मिरा जब से मुहब्बत का भरम टूटा बहारों में
गुलों के तब से ही मौसम सभी मुझको ख़िज़ानी है

मेरा ही दोस्त कर बैठा रक़ीबी मुझसे जाने क्यों
लगाओ फ़ोन कहना उससे तो यारी निभानी है

नहीं अब दहर भी ये काम की अपने बची 'शहरग'
कि जिससे दिल लगाया उससे ही हिजरत लगानी है
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