Varsha Gorchhia

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@varsha-gorchhia

Varsha Gorchhia shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Varsha Gorchhia's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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Shayari
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  • Nazm
याद रहे
चाहतों का ये शहर
ख़्वाबों का मोहल्ला
इश्क़ की गली
और कच्चा मकाँ मोहब्बत का
जो हमारा है
ख़ुश्बूओं की दीवारें हैं जहाँ
एहसासात की छतें
हँसी और आँसुओं से
लिपा-पुता आँगन है
हरा-भरा
गहरी छाँव वाला
प्यार का एक पेड़ है जहाँ

क़िस्सों के चौके में
बातों के कुछ बर्तन
औंधे हैं शर्मीले से
तो कुछ सीधे मुस्कुराते हुए

शिकायतों के धुएँ से
काले कुछ बर्तन
हमारा मुँह ताकते हैं
कि क्यूँ नहीं उन्हें साफ़ किया
रगड़ कर हम ने

भीतर एक ट्रंक भी है
लम्हों से भरा
रेशमी चादरों में
यादों की सिलवटें हैं
आले में जलता चराग़
वो खूटियों पर लटकते
दो जिस्मों की झिल्लियाँ
जंगलों और खिड़कियों से
झाँकती चाहतें हमारी
दरवाज़े की चौखट से
टपकती हुई
बरसात की पागल बूँदें कुछ
हवा के कुछ झोंके

और न जाने क्या क्या
सब बिक जाएगा इक दिन
समाज के हाथों
रिवाज़ें बोलियाँ लगाएँगी
ज़ात भाव बढ़ाएगी अपना
और ख़रीद लेंगे
जनम के ज़मीन-दार
वो मकाँ हमारा
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Varsha Gorchhia
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ये भी रात गुज़र रही हे
कमरे की बिखरी चीज़ें समेटते हुए
तुम्हारे जाने के बाद
तुम्हारी चहल-क़दमियाँ घूमती रहती हैं दिल के आँगन में
गूँजती रहती हैं तुम्हारी सरगोशियाँ मेरे कानों में
बिस्तर की सिलवटें मुँह चिढ़ाने लगती हैं
इस बार सिगरेट के जले हुए टुकड़ों पर महसूस करती हूँ
तुम्हारे होंटों का लम्स
इधर-उधर बिखरे हुए तुम्हारी बातों के ढेर
चाय की झूटी प्यालियाँ
एक एक को उठाती हूँ और रखती जाती हूँ
यादों की अलमारी में
जिस में पहले ही से मौजूद हैं
तुम्हारी मुस्कुराहटों की गठरियाँ
बॉलकोनी से झाँकता हुआ चाँद
महकती हुई रात की रानी
कितना कुछ समेटना बाक़ी हे अभी
मेरे माथे पर तुम्हारे होंटों का लम्स
तुम्हारे नाम का विर्द करती हुई धड़कने
थक कर चूर हो गई हूँ ख़ुद को समेटते हुए
और आसमान पर चमकता हुआ आख़िरी सितारा भी
इस बार डूब जाना चाहता है मेरे साथ
तुम्हारी यादो के बे-कराँ समुंदर में
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