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मुझे मुझसे ज़्यादा कोई चाहे, ऐसा नहीं चाहता था  - Anish Gumber

मुझे मुझसे ज़्यादा कोई चाहे, ऐसा नहीं चाहता था
फ़क़त चाहता था के चाहे वो, ज़्यादा नहीं चाहता था

लगा ली है उम्मीदें इतनी, के पूरी करूँगा मैं कैसे
थी चाहत के बस दिल लगायें, मैं ज़्यादा नहीं चाहता था

लगा मरना आसान उसको, किसी और की होने से ज़्यादा
मैं था चाहता वो मेरी हो, मैं वादा नहीं चाहता था

वो तो नाम उसका था आया तो नम हो गयी आँखें वरना
क़सम वाली ही बात है ग़म बताना नहीं चाहता था

लड़ाई हो झगड़े हो रूठे भी कोई मनायें भी कोई
फ़क़त चाहा था इश्क़ पूरा अधूरा नहीं चाहता था

जला कर के तस्वीर उसकी जलाया था फिर हाथ अपना
थी इकलौती उसकी निशानी, मिटाना नहीं चाहता था

सलामत रहें वो क़यामत तलक़ बस यही तो था चाहा
क़यामत तलक़ वो हो जाये अकेला नहीं चाहता था

- Anish Gumber

Aankhein Shayari

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