दिलकश ये आँखें, नज़र तीर है कोई
लब, जैसे नज़्मों की तहरीर है कोई
इक बार जो देखे, वो देखे दोबारा
रूहानी सी एक तस्वीर है कोई
यूँ तो यहाँ, और भी हैं हसीं चहरे
पर ये, किसी रांझे की हीर है कोई
वो मरते दम तक करे, आरज़ू जिस की
योद्धा की मनचाही शमशीर है कोई
बिन जिसके मुमकिन नहीं शेरो-शायरी
शायर के दिल की, हसीं पीर है कोई
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