Ahmad Merathi

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@ahmad-merathi

Ahmad Merathi shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Ahmad Merathi's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
मेरे दिल का जो निगहबाँ न हुआ था सो हुआ
जिस का मुझ पर कोई एहसाँ न हुआ था सो हुआ

उस ने भी देख लिया मेरी वफ़ाओं का असर
जो जफ़ाओं पे पशेमाँ न हुआ था सो हुआ

इक वही राज़ जिसे दिल में छुपाया बरसों
शिद्दत-ए-ग़म से नुमायाँ न हुआ था सो हुआ

इस तवज्जोह से मुझे देख रहा था कोई
मैं तो इतना कभी हैराँ न हुआ था सो हुआ

हसरतें ख़त्म हुईं कोई तमन्ना न रही
ज़िंदगी से मैं गुरेज़ाँ न हुआ था सो हुआ

आ गया वक़्त ये कैसा कि इलाही तौबा
जो शिकार-ए-ग़म-ए-दौराँ न हुआ था सो हुआ

सेहन-ए-गुलशन में हुई शो'ला-फ़िशानी हर-सू
यूँ कभी जश्न-ए-बहाराँ न हुआ था सो हुआ

दफ़अ'तन मेरे शबिस्ताँ में वो आए 'अहमद'
दर्द-ए-दिल का मिरे दरमाँ न हुआ था सो हुआ
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Ahmad Merathi
है सूनी सूनी हर इक राहगुज़र आख़िर-ए-शब
कोई किसी का नहीं ग़म-गुसार आख़िर-ए-शब

सजी हुई जो सितारों की अंजुमन देखी
वो याद आए हैं बे-इख़्तियार आख़िर-ए-शब

है मेरी हमदम-ओ-दम-साज़ मेरी तन्हाई
नफ़स नफ़स है मिरा राज़दार आख़िर-ए-शब

न जाने बैठा हूँ कब से जुनूँ के आलम में
मुझे किसी का नहीं इंतिज़ार आख़िर-ए-शब

चली है दफ़अ'तन एहसास की वो पुरवाई
हर एक लम्हा हुआ दिल पे बार आख़िर-ए-शब

मिरे सिवा यहाँ कोई नहीं मगर फिर भी
भटक रहा हूँ मैं दीवाना-वार आख़िर-ए-शब

बिसात-ए-ज़ेहन पे किस किस के नाम उभर आए
मैं कर रहा था ग़मों का शुमार आख़िर-ए-शब

फ़ज़ा में छाई है 'अहमद' अजब सी बेताबी
सबा है किस के लिए बे-क़रार आख़िर-ए-शब
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