Haidar Bayabani

Haidar Bayabani

@haidar-bayabani

Haidar Bayabani shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Haidar Bayabani's shayari and don't forget to save your favorite ones.

Followers

2

Content

15

Likes

0

Shayari
Audios
  • Nazm
गाजर बोली बी मूली से
देखो मेरे ढंग निराले
लाल गुलाबी रंग है मेरा
मीठा इक इक अंग है मेरा
मुझ से हलवा लोग बनाएँ
इस में मेवा-जात मिलाएँ
ख़ूब मज़े ले ले कर खाएँ
मुझ से कितना प्यार जताएँ
तू तो अपनी आप सज़ा है
रंग बुरा बे-कार मज़ा है
तीखी इतनी मुँह जल जाए
तुझ को कितने लोग न खाए
मूली बोली तैश में आ कर
जलती है तू मुझ से गाजर
चाँदी जैसा रंग है मेरा
उजला इक इक अंग है मेरा
मैं हूँ हर पकवान की साथी
या'नी दस्तर-ख़्वान की साथी
खाएँ मुझ को लोग घरों घर
क्या शबराती क्या मुरलीधर
तू तो है हर फ़ित्ने की जड़
दूर करूँ मैं पेट की गड़बड़
मैं ऊँची हूँ तू है नीची
या'नी मेरे पैर की जूती
सुन कर तू तू मैं मैं उन की
समझाने को लौकी आई
बोली लौकी झगड़ा कैसा
इंसानों का ये है शेवा
अपना तो संसार अलग है
या'नी कारोबार अलग है
इक दूजे से जल जल मरना
इंसानों की बातें सब हैं
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई
नादानों की ज़ातें सब हैं
लेकिन मूली गाजर लौकी
आपस में हैं अपने सारे
सब अच्छे हैं सब कार-आमद
इक बगिया के सपने सारे
छोड़ो झगड़ा और लड़ाई
आपस की ये मार कटाई
अब आपस में जंग न करना
इक दूजे को तंग न करना
Read Full
Haidar Bayabani
0 Likes
गर्मी का है ज़माना
सर्दी हुई रवाना
आँखें दिखाए सूरज
तन-मन जलाए सूरज
पानी हवा हुआ है
जंगल जला हुआ है
होती है साएँ साएँ
ग़ुस्से में हैं हवाएँ
उठते हैं यूँ बगूले
जैसे गगन को छू ले
तीतर बटेर तोते
खाएँ हवा में ग़ोते
धरती दहक रही है
मिट्टी सुलग रही है
गिर जाए जो ज़मीं पर
भुन जाए है वो दाना
गर्मी का है ज़माना
सर्दी हुई रवाना
मौसम बदल रहा है
इंसाँ पिघल रहा है
उतरा गले से मफ़लर
मुँह तक रही है चादर
तह हो गई रज़ाई
ख़ाली है चारपाई
कम्बल सहज रखी है
मलमल गले लगी है
पंखों को झल रहे हैं
अब फ़ैन चल रहे हैं
हीटर से ख़ौफ़ खाएँ
कूलर चलाए जाएँ
हर शय बदल रही है
क्या मर्द क्या ज़नाना
गर्मी का है ज़माना
सर्दी हुई रवाना
आती है याद नानी
करते हैं पानी पानी
शर्बत का दौर आए
क़ुलफ़ी दिलों को भाए
तरबूज़ बिक रहे हैं
खरबूज़ बिक रहे हैं
दूकान कोई खोले
बेचे हैं बर्फ़-गोले
घर घर में हम ने देखा
पीते हैं रूह-अफ़्ज़ा
लस्सी का बोल-बाला
काफ़ी का मुँह है काला
जिस से मिले है ठंडक
उस का जहाँ दिवाना
गर्मी का है ज़माना
सर्दी हुई रवाना
Read Full
Haidar Bayabani
0 Likes
दादी अम्माँ दादी अम्माँ
कितनी सीधी-सादी अम्माँ
चाँदी जैसे बालों वाली कितनी अच्छी दादी अम्माँ
बातें उन की मिस्री जैसी क़ौल की पक्की दादी अमाँ
उजले उजले कपड़े पहने सीधी-सादी दादी अम्माँ
दादी अम्माँ दादी अम्माँ
कैसी सीधी-सादी अम्माँ
रात गए तक परियों वाले क़िस्से हमें सुनाती हैं
गीत सुना कर लोरी गा कर मीठी नींद सुलाती हैं
आधी रात गए तक जागते रहने की है आदी अम्माँ
दादी अम्माँ दादी अम्माँ
कैसी सीधी-सादी अम्माँ
गुड़िया गुड्डे की पोशाकें हम को सी सी कर देती हैं
जितने भी हैं पास हमारे सब संदूक़चे भर देती हैं
बन कर फिर बच्चों में बच्चा कर देती है शादी अम्माँ
दादी अमाँ दादी अम्माँ
कैसी सीधी-सादी अम्माँ
अब्बू जब नाराज़ हों हम से वो अब्बू को डाँटती हैं
हम बच्चों के हर सुख-दुख को वो हँस हँस के बाँटती हैं
जैसे कोई शहर का दादा वैसे घर की दादी अम्माँ
दादी अम्माँ दादी अम्माँ
कैसी सीधी-सादी अम्माँ
Read Full
Haidar Bayabani
0 Likes
इतना क्यों नाराज़ हो मुझ पर यूँ मत डाँटो अब्बू जी
मैं हूँ नन्हा-मुन्ना बच्चा इतना जानो अब्बू जी
यूँ मत डाँटो अब्बू जी

तुम भी पहले बच्चे ही थे ये मत भूलो अब्बू जी
नटखट भी मुझ जैसे ही थे ये मत भूलो अब्बू जी
जिस दिन ज़िद फ़रमाई होगी दादा से और दादी से
उस दिन मार भी खाई होगी दादा से और दादी से
बचपन नाम शरारत का है तुम भी समझो अब्बू जी
यूँ मत डाँटो अब्बू जी

शैतानी भी करते होंगे सच बतलाओ अब्बू जी
मन-मानी भी करते होंगे सच बतलाओ अब्बू जी
तोड़ भी डालें होंगे तुम ने खेल खिलौने चाचा के
और कभी कर डाले होंगे कपड़े गंदे दादा के
सारी बातें याद करो फिर मुझ को देखो अब्बू जी
यूँ मत डाँटो अब्बू जी

नाग़ा भी हो जाती होगी हफ़्ते में स्कूल कभी
पढ़ते पढ़ते रोज़ सबक़ को बैठे होंगे भूल कभी
टीचर जी ने ग़ुस्सा हो कर तुम को मुर्ग़ बनाया होगा
हँसते होंगे सब हम-जोली ख़ूब मज़ा फिर आया होगा
जो कुछ मुझ से भूल हुई है मुआ'फ़ भी कर दो अब्बू जी
यूँ मत डाँटो अब्बू जी
Read Full
Haidar Bayabani
0 Likes
खेलने आए दोनों क्रिकेट बंदर हाथी
उन के पीछे थे जंगल के सारे साथी
कैप्टन था इक टीम का हाथी मस्त क़लंदर
दूसरी टीम का कैप्टन बन बैठा था बंदर
बंदर ये थे क़िस्मत वाले जीते टॉस
फ़ौरन चीते को बुलवाया अपने पास
ओपन करने इक जानिब से आया शेर
जोश में आ कर लगाया उस ने रनों का ढेर
इक ओवर में बना गया वो सोला रन
सतरह गेंदों में रन उस के सत्तावन
इस पारी में धूम धड़का मचा गया वो
चाय से पहले डबल सैंचरी बना गया वो
देख के अपनी टीम की दुर्गत हाथी चौंका
ख़ुद करने बॉलिंग कवर से आया दौड़ा
पहली बॉल ही चीते के इस्टम्प को मारा
दूसरी बॉल में शेर ड्रेसिंग रूम सिधारा
तीसरी बॉल पे सांभर जी ने कैच दिया
चौथी बॉल पे रीछ बेचारा बोल्ड हुआ
इक ओवर में चार विकट थे ज़ीरो रन
हाथी ने रिकॉर्ड बना डाला ए-वन
एक इनिंग में आठ विकट कीपर के कैच
नन्हा सा ख़रगोश हुआ मैन ऑफ़ दी मैच
दो सौ बीस पे बंदर जी की टीम ऑल आउट
पहले रोज़ मछन्दर जी की टीम ऑल आउट
दूसरे दिन हाथी के उतरे बल्लेबाज़
बल्लेबाज़ी में लेकिन न थे मुम्ताज़
बंदर जी ने फॉलो-आन की शेख़ी मारी
सोचा ख़त्म करेंगे उन की जल्दी पारी
हाथी आया दो साथी आउट होने पर
वो चकराया अपनी दो विकटें खोने पर
हाथी के आने से पारी सँभल गई थी
वैसे भी अब पिच की हालत बदल गई थी
हाथी आया चौके छक्के मारा ख़ूब
बंदर दौड़ा इधर उधर बेचारा ख़ूब
तीन सौ तेरह बना के हाथी नॉट आउट था
अपने कर्तब दिखा के हाथी नॉट आउट था
दो विकटों पे लगा था छे सौ रनों का ढेर
फिर पारी डिक्लियर करने में क्या देर
दूसरी पारी में बंदर की उड़ी हँसी
अस्सी ही रन बना के पूरी टीम गई
तीन सौ रन और दस विकटों से मात हुई
जीत हुई हाथी की ऊँची बात हुई
Read Full
Haidar Bayabani
0 Likes
कितनी अच्छी प्यारी बाजी
प्यारी प्यारी प्यारी बाजी
अच्छे अच्छे गीत सुनाए
प्यारे प्यारे गीत सुनाए
एक था राजा एक थी रानी
रोज़ कहे दिलचस्प कहानी
बूझे है दिलचस्प पहेली
अच्छी दोस्त है प्यारी सहेली
कितने क़िस्से याद हैं उस को
ख़ूब लतीफ़े याद हैं उस को
मुझ को ख़ूब हँसाए बाजी
रोऊँ तो बहलाए बाजी
कितनी अच्छी प्यारी बाजी
प्यारी प्यारी प्यारी बाजी
गुड़िया का जब ब्याह रचाए
सब बच्चों को साथ खिलाए
बाग़ में जा कर झूला झूले
मौज में आ कर डाली छू ली
खेले मिल-जुल आँख-मिचोली
बोले सब से प्यार की बोली
खेले पर स्कूल से पहले
रुक जाए हर भूल से पहले
पढ़ने में होशियार है बाजी
खेल में भी तय्यार है बाजी
कितनी अच्छी प्यारी बाजी
प्यारी प्यारी प्यारी बाजी
मुखड़ा उस का भोला-भाला
दाँत उस के मोती की माला
हँस दे तो फुल-झड़ियाँ छूटे
बात करें खुल जाए बूटे
प्यारी प्यारी बातें उस की
रहबर सारी बातें उस की
सब को अच्छी बात बताए
सब को सच्ची बात सिखाए
सच्ची चाह जताए बाजी
सीधी राह दिखाए बाजी
कितनी अच्छी प्यारी बाजी
प्यारी प्यारी प्यारी बाजी
Read Full
Haidar Bayabani
0 Likes
दीप से दीप जलाएँ साथी
हर आँगन उजयारा कर लें
हर ज़र्रा मह-पारा कर लें
मेरे सीने तेरे सपने
तेरे सुख-दुख मेरे अपने
हर आशा को पाएँ साथी
दीप से दीप जलाएँ साथी
हर आँगन उजयारा कर लें
हर ज़र्रा मह-पारा कर लें

ये घर अपना वो घर अपना
हीरा अपना कंकर अपना
मिल-जुल साथ निभाएँ साथी
दीप से दीप जलाएँ साथी
हर आँगन उजयारा कर लें
हर ज़र्रा मह-पारा कर लें

भाई भाई बन के रहना
साथ ही मरना साथ ही जीना
मन से मन मिल जाएँ साथी
दीप से दीप जलाएँ साथी
हर आँगन उजयारा कर लें
हर ज़र्रा मह-पारा कर लें

जो साथी भी छूट गया हो
बिन-कारन ही रूठ गया हो
उस को भी मनवाएँ साथी
दीप से दीप जलाएँ साथी
हर आँगन उजयारा कर लें
हर ज़र्रा मह-पारा कर लें
Read Full
Haidar Bayabani
0 Likes
बेलों पर टॉफ़ी खिल जाए
चाय कॉफ़ी नल से आए
बिस्कुट डाली डाली झूले
बच्चा बच्चा जिस को छू ले
बगिया होगी कितनी प्यारी
लड्डू हों जब क्यारी क्यारी
बूँदें टपके बूँदीं बन कर
बर्फ़ी फैले घर की छत पर
हलवे का बादल घर आए
ऐसा काश कभी हो जाए
पेड़ों पर पेड़े लग जाएँ
जब चाहें हम तोड़ के खाएँ
हर जानिब सोहन हलवा हो
बालूशाही का जल्वा हो
झरना ख़ैर का बहता जाए
ख़ूब जलेबी तैरती आए
बेरी पर जब मारें पत्थर
खील बताशे टपकें दिन भर
बच्चा खाए बूढ़ा खाए
ऐसा काश कभी हो जाए
क़ुलफ़ी का मीनार खड़ा हो
हर तारे में केक जुड़ा हो
निकलें जब सड़कों पर घर से
मोती-चूर के लड्डू बरसे
मीठे दूध की बरसातें हों
पेठे की सब सौग़ातें हों
फ़ालूदे से हौज़ भरा हो
लस्सी का दरिया बहता हो
बारिश आ कर रस बरसाए
ऐसा काश कभी हो जाए
नफ़रत हो कड़वी बोली से
उल्फ़त हो हर हम-जोली से
शीरीं कर दें दुनिया सारी
प्यार से भर दें दुनिया सारी
दुनिया में हर काम हो शीरीं
अव्वल आख़िर नाम हो शीरीं
सब से 'हैदर' बोलो मीठा
मीठा खा कर बोलो मीठा
शीरीनी होंटों पर छाए
ऐसा काश अभी हो जाए
Read Full
Haidar Bayabani
0 Likes
सालगिरह ख़रगोश मनाए
जंगल के सब साथी आए
भीड़ लगी है मेहमानों की
कुछ अपनों कुछ बेगानों की
शेर दहाड़ें मारता आए
हाथी भी चिंघाड़ता आए
कुत्ता भौं भौं करता आया
सांभर चौकड़ी भरता आया
गाय जब रम्भाती आई
बकरी कुछ शरमाती आई
नाचता गाता आया भालू
डोलता आया मेंढा कालू
घोड़ा सरपट दौड़ा आया
भैंसों का इक जोड़ा आया
हिरनी आई लोमड़ी आई
बिल्ली अपने बच्चे लाई
साथ में सब ही लाए तोहफ़े
सब ख़रगोश ने पाए तोहफ़े
फूलों का गुलदस्ता ले कर
चीं चीं करता आया बंदर
केक बना के लाया चीता
उस ने दिल ख़रगोश का जीता
केक कटा तो सारे ख़ुश थे
केक बटा तो सारे ख़ुश थे
इक दूजे से गले मिले सब
भूल के शिकवे और गिले सब
बंदर नाचे भालू गाए
कालू मेंढा ढोल बजाए
सालगिरह का जश्न बपा है
जंगल जंगल शोर हुआ है
Read Full
Haidar Bayabani
0 Likes
जनवरी का महीना जो आ कर गया
फिर नए साल की इब्तिदाई कर गया
फ़रवरी कर रहा है जुदा सर्दियाँ
हम उतारेंगे अब ऊन की वर्दियाँ
मार्च है साल का तीसरा माह-ए-नौ
सब को करता है तल्क़ीन अब ख़ुश रहो
माह अप्रैल में इम्तिहाँ आएँगे
रात-दिन पढ़ के हम पास हो जाएँगे
लो मई आ गया बंद मकतब हुए
गर्मियों से परेशान हम सब हुए
जून बारिश की लाए ख़बर दोस्तो
है फ़लक की तरफ़ हर नज़र दोस्तो
है जुलाई के आने के अब सिलसिले
खुल गए सारे स्कूल मकतब खुले
साल में जब भी माह-ए-अगस्त आ चला
अपनी आज़ादियों का बढ़ा क़ाफ़िला
जब भी माह-ए-सितंबर जनाब आएगा
खेतियों पर ग़ज़ब का शबाब आएगा
लाए ख़ुश-हालियाँ देखना अक्टूबर
खेत खलियान को हो रही है नज़र
कितना पुर-कैफ़ मौसम नवम्बर में है
मोतियों जैसी शबनम नवम्बर में है
साल रुख़्सत हुआ लो दिसम्बर चला
हो शुरूअ' अब नए साल का सिलसिला
Read Full
Haidar Bayabani
0 Likes