Qamar Aasi

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Qamar Aasi shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Qamar Aasi's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
वक़्त-ए-रुख़्सत मिरी माँ ने मिरा माथा चूमा
मंज़िलों ने तभी बढ़ कर मिरा तलवा चूमा

दी मुअज़्ज़िन को दवा नींद की और फिर कल शब
हम ने जी भर के तुम्हें ख़्वाब में देखा चूमा

जिस तरह क़ीमती शय को कोई मुफ़्लिस देखे
आँखों आँखों में उसे हम ने सराहा चूमा

हम ने सोचा था कि सैराबी मयस्सर होगी
तिश्नगी और बढ़ी है उसे जितना चूमा

एक मिसरे में सुनो वस्ल का पूरा क़िस्सा
अज़ इशा-ता-ब-सहर यार को चूमा चूमा

इस तरीक़े से नहीं प्यार जताया मुझ से
जिस तरीक़े से है उस ने मिरा बच्चा चूमा

ये बदन दश्त से गुलशन हुआ आख़िर कैसे
आँख चूमी है किसी की कि है दरिया चूमा

मेरी आँखों के उजालों का सबब है इतना
नाम सुनते ही मोहम्मद का अँगूठा चूमा

ठीक होने न दिया ज़ख़्म-ए-मोहब्बत 'आसी'
हम ने ता-उम्र इसे दिल से लगाया चूमा
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Qamar Aasi
आक़िल है बा-शुऊर है काफ़ी ज़हीन भी
इस पर है मुस्ताज़ाद वो अज़-हद हसीन भी

बोसा किसी भी फूल का हम ने नहीं लिया
रुख़्सार मुंतज़िर रहे लब भी जबीन भी

घर ले लिया है ऐन तिरे घर के सामने
और इक ख़रीद लाया हूँ मैं दूरबीन भी

सब काम हो रहे हैं अजीब इस क़दर अजीब
लिखने से पहले सोचते हैं कातबीन भी

इक शोख़-ओ-शंग तिफ़्ल छुपा है दरून-ए-दिल
संजीदा लग रहा हूँ ब-ज़ाहिर मतीन भी

आँखों में जिस की रहम हो हाथों में रोटियाँ
वो शख़्स मुफ़लिसों का धरम भी है दीन भी

इंसानियत के जिस्म पे चंद ऐसे दाग़ हैं
जिन पर है शर्मसार फ़लक और ज़मीन भी

हँसते हुए मरेगा कोई दिल गज़ीदा शख़्स
आएगा इस ड्रामे के अंदर वो सीन भी

अशआर गर सफ़र न करें दिल से दिल तलक
देते नहीं हैं दाद 'क़मर' सामईन भी
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Qamar Aasi
कुछ ऐसे चश्म-ए-तमन्ना को आज़माया गया
किसी भी अक्स को पूरा नहीं दिखाया गया

दरून-ए-ख़्वाब दिखा कर कोई हसीं पैकर
हमारे होंटों का मसरफ़ हमें सुझाया गया

अधूरा छोड़ दिया इश्क़ इस लिए हम ने
हमें ये काम मुकम्मल नहीं सिखाया गया

फिर इस के बाद उठेंगे फ़क़त सर-ए-महशर
गर आज बज़्म से उन की हमें उठाया गया गया

मताअ'-ए-मिल्लत-ए-ग़फ़लत-शिआ'र लूटी गई
फिर इस के बाद उसे नींद से जगाया गया

कभी ख़ुदा कभी दुनिया कभी मोहब्बत का
हमारे दिल में सदा ख़ौफ़ ही बिठाया गया

अजब मोआमला रक्खा ज़माने वालों ने
जहाँ क़याम था लाज़िम वहीं गिराया गया

दरख़्त आज भी हम को दुआएँ देते हैं
कि जिन से नाम तुम्हारा नहीं मिटाया गया

वो आज आएगी छत पर सहेलियों के साथ
'क़मर' सितारों को लारा अजब लगाया गया
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