हर समय हर घड़ी नहीं मिलती
होंठों पर ये हँसी नहीं मिलती
हम भी शामिल हैं बदनसीबों में
हमसे भी ख़ुदकुशी नहीं मिलती
साथ क़िस्मत भी चाहिए थोड़ी
पढ़ के बस नौकरी नहीं मिलती
इक दफ़ा उम्र बीत जाए गर
फिर दुबारा कभी नहीं मिलती
दीजिए वक़्त थोड़ा ख़ुद को भी
बाद में ज़िंदगी नहीं मिलती
अब कहाँ वो जुनून दिखता है
अब वो दीवानगी नहीं मिलती
वो मुहब्बत जो करती है बस माँ
सब जगह देख ली नहीं मिलती
मैं जिसे चाहता हूँ शिद्दत से
यार मुझको वही नहीं मिलती
जितनी मेहनत मैं करता हूँ मुझको
उतनी भी सैलरी नहीं मिलती
हक़ अमीरों का ही है क्या इस पे
क्यूँ मुझे ये ख़ुशी नहीं मिलती
राज को मिल गई थी तब सिमरन
देव को अंजली नहीं मिलती
इक मुहब्बत ने छोड़ा है मुझको
वरना ये शाइरी नहीं मिलती
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