भरो हुंकार ऐसी, दिल्ली का दरबार हिल जाए
युवाओं कर दो कुछ ऐसा कि ये सरकार हिल जाए
यहाँ जो बाँटते हैं मजहबों के नाम पे हमको
करो इक वार उनकी नफरती दीवार हिल जाए
हुकूमत चीज क्या मिल कर दहाड़ो साथ में तुम तो
बुलंदी से खड़ी वो चीन की दीवार हिल जाए
जवाने हिन्द गर जय हिन्द का जयघोष जो कर दें
तो डर के फौज जो सरहद के है उस पार हिल जाए
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