किसी ने हम को मुहब्बतों के सफ़र में तन्हा किया हुआ है
हमारा दिल पर उसी को मंज़िल समझ अकेला चला हुआ है
किसी की चाहत जो दिल्लगी थी सिवाए मतलब के कुछ नहीं थी
किसी का दिल छोड़ सारे मतलब बिना वजह दिल लगा हुआ है
वो रेल पटरी से हट के तन्हा अलग अकेली खड़ी हुई है
वो एक इंजन ने लौट आने का उसको वादा किया हुआ है
हम और तुम थे जो सिर्फ़ हम कल वो आज हम तुम में बँट गए हैं
तुम्हारा तुम जो है आज कल वो हमारे हम से जुदा हुआ है
हमारा चेहरा हमारी आँखें हमारे बारे नहीं बताते
हमारी आँखें बुझी हुई हैं हमारा चेहरा मिटा हुआ है
हमारे सीने में दिल नही है जगह वो खाली ही रह गई है
हमारे सीने में दिल के बदले बस एक ख़ाका बना हुआ है
किसी ने अफ़सुर्दगी के सारे के सारे पहलू बदल दिए हैं
ये कोई पागल है जो कि अफ़सुर्दगी में पल कर बड़ा हुआ है
हमें सभी ने तरह तरह की दवाएँ दे दी इलाज कह कर
मगर किसी ने नहीं बताया 'कुनाल' तुमको ये क्या हुआ है
Read Full