Akbar Haideri Kashmiri

Akbar Haideri Kashmiri

@akbar-haideri-kashmiri

Akbar Haideri Kashmiri shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Akbar Haideri Kashmiri's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
किस चमन की ख़ाक में फूलों का मुस्तक़बिल नहीं
दूरबीं नज़रों में रंग-ओ-बू हैं आब-ओ-गिल नहीं

शोख़ियाँ हैं जिस की हर जुम्बिश में लाखों बे-नक़ाब
क्यूँ वो दुज़दीदा-निगाही हक़-शनास-ए-दिल नहीं

जब्र सहता हूँ मगर कब तक सहूँ इंसान हूँ
सब्र करता हूँ मगर दिल सब्र के क़ाबिल नहीं

ऐ हवादिस-आश्ना ईज़ा-तलब दिल मुज़्दा-बाद
जा रहा हूँ उस तरफ़ अब मैं जिधर मंज़िल नहीं

क्या हुआ क्यूँ छू के तुम ग़ुंचे को पीछे हट गए
ये गुल-ए-नौख़ेज़ है मेरा शिकस्ता-दिल नहीं

ऐ निगाह-ए-नाज़ तेरी बज़्म में लाया हूँ मैं
आज उस दिल को जो बर्क़-ए-तूर का क़ाइल नहीं

बज़्म-ए-हुस्न-ओ-इश्क़ में 'अकबर' की अफ़्सुर्दा-दिली
दाद के लाएक़ नहीं बे-दाद के क़ाबिल नहीं
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Akbar Haideri Kashmiri
यूँ संग-दिल हयात से अहद-ओ-वफ़ा किया
दीवार दरमियाँ थी मगर ख़ुद को वा किया

मिट्टी का रंग-ओ-नूर से रिश्ता क़दीम था
हर बार ज़िंदगी ने नया तजरबा किया

थे दस्तरस में यूँ तो सब असरार-ए-काएनात
इस उम्र-ए-बेवफ़ा ने मगर ना-रसा किया

हर अजनबी मक़ाम से तन्हा गुज़र गए
अपना ही नक़्श-ए-पा था जिसे रहनुमा किया

चमका दिया लहू ने दिल-ए-तीरा-जिस्म को
इक सैल-ए-नूर था कि रगों में बहा किया

दानिस्ता लुट गया ये समन-ज़ार देखना
फूलों ने निकहतों को सिपुर्द-ए-सबा किया

ये रात रौशनी की तमन्ना में बुझ गई
दिल को ये किस शिकस्त ने बे-मुद्दआ किया

यूँ तो जहाँ तमाम है तूफ़ान-ए-रंग-ओ-नूर
किस आबशार ने हमें रंगीं-नवा किया
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