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फेंक कर सारे ख़्वाब पानी में  - Akhtar Azmi

फेंक कर सारे ख़्वाब पानी में
देखता हूँ सराब पानी में

वस्ल के बाद यूँ लगा जैसे
हो मिरा इज़्तिराब पानी में

उस ने फिर फेंक दी बग़ैर पढ़े
मेरे दिल की किताब पानी में

कोई इस में मिला गया पानी
फेंक दो ये शराब पानी में

शाम को ले के तेरे लब की शफ़क़
आ गया आफ़्ताब पानी में

बे-क़रारी से बहर की 'अख़्तर'
आ गया इंक़लाब पानी में

- Akhtar Azmi

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