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Hijr Shayari
मैं न सोया रात सारी तुम कहो
बिन मेरे कैसे गुज़ारी, तुम कहो
हिज्र, आँसू, दर्द, आहें, शायरी
ये तो बातें थीं हमारी, तुम कहो
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Prakhar Kanha
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बिछड़ गए तो ये दिल उम्र भर लगेगा नहीं
लगेगा लगने लगा है मगर लगेगा नहीं
नहीं लगेगा उसे देख कर मगर ख़ुश है
मैं ख़ुश नहीं हूँ मगर देख कर लगेगा नहीं
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Umair Najmi
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इक तेरा हिज्र दाइमी है मुझे
वर्ना हर चीज़ आरज़ी है मुझे
Tehzeeb Hafi
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लंबा हिज्र गुज़ारा तब ये मिलने के पल चार मिले
जैसे एक बड़े हफ़्ते में छोटा सा इतवार मिले
माना थोड़ा मुश्किल है पर रोज़ दुआ में माँगा है
जो मुझसे भी ज़्यादा चाहे तुझको ऐसा यार मिले
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Bhaskar Shukla
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जहाँ से जी न लगे तुम वहीं बिछड़ जाना
मगर ख़ुदा के लिए बेवफ़ाई न करना
Munawwar Rana
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हम कहाँ और तुम कहाँ जानाँ
हैं कई हिज्र दरमियाँ जानाँ
Jaun Elia
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शब-ए-विसाल बहुत कम है आसमाँ से कहो
कि जोड़ दे कोई टुकड़ा शब-ए-जुदाई का
Ameer Minai
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तू परिंदा है किसी शाख़ को घर कर लेगा
जो तेरे हिज्र का मारा है किधर जाएगा
Shadab Javed
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किस किस को बताएँगे जुदाई का सबब हम
तू मुझ से ख़फ़ा है तो ज़माने के लिए आ
Ahmad Faraz
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गुजर चुकी जुल्मते शब-ए-हिज्र, पर बदन में वो तीरगी है
मैं जल मरुंगा मगर चिरागों के लो को मध्यम नहीं करूंगा
यह अहद लेकर ही तुझ को सौंपी थी मैंने कलबौ नजर की सरहद
जो तेरे हाथों से कत्ल होगा मैं उस का मातम नहीं करूंगा
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Tehzeeb Hafi
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वो एक शख़्स जो दिखने में ठीक-ठाक सा था
बिछड़ रहा था तो लगने लगा हसीन बहुत
Siraj Faisal Khan
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तड़पना हिज्र तक सीमित नहीं है
उसे दुल्हन भी बनते देखना है
Anand Verma
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जहाँ जो था वहीं रहना था उस को
मगर ये लोग हिजरत कर रहे हैं
Liaqat Jafri
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ख़ुदा करे कि तिरी उम्र में गिने जाएँ
वो दिन जो हम ने तिरे हिज्र में गुज़ारे थे
Ahmad Nadeem Qasmi
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जनमदिन हिज्र का कुछ यूँ मनाया
किया अनब्लॉक तुमको आज हमने
Tanoj Dadhich
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हिज्र में इश्क़ यूँ रखा आबाद
हिचकियाँ तन्हा तन्हा लेते रहे
Siraj Tonki
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उसी की आस ने सँभाल रक्खा हिज्र में मुझे
वही जो अपनी ज़ुल्फ़ें तक नहीं सँवार पाती है
Harsh saxena
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उभर कर हिज्र के ग़म से चुनी है ज़िंदगी हमने
वगरना हम जहाँ पर थे वहाँ पर ख़ुदकुशी भी थी
Naved sahil
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तुम्हारा बैग भी तय्यार कर के रक्खा है
अकेली हिज्र के आज़ार क्यों उठाऊँ मैं
Zahraa Qarar
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नाप रहा था एक उदासी की गहराई
हाथ पकड़कर वापस लायी है तन्हाई
वस्ल दिनों को काफ़ी छोटा कर देता है
हिज्र बढ़ा देता है रातों की लम्बाई
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Tanoj Dadhich
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