यही बस सोंच कर हैरान हैं हम
किसी का अब तलक अरमान हैं हम
किताबों में भला क्या ढूंढ़ते हो
हमें पढ़ लो बहुत आसान हैं हम
सुख़न की नजरों से देखो तो हमको
तुम्हारी नज़्म का उन्वान हैं हम
तुम्हें ही इश्क़ से भरना पड़ेगा
तुम्हारे नाम का चालान हैं हम
हमारे पास कुछ दिन रुक सकोगे
फ़क़त कुछ रोज़ के मेहमान हैं हम
खड़े हो जाएँ गर लश्कर के आगे
समझ लो जीत का ऐ'लान हैं हम
हमारा ज़ौक़ औरों से जुदा है
नईं नस्लों, नया दीवान हैं हम
किसी नें भी नहीं जीता है अब तक
अभी तक आपका मैदान हैं हम
बहुत सारे हैं सदमें कैद मुझमें
खुद अपने आप में ज़िन्दान हैं हम
वो सारे लोग उलझें हैं अभी तक
जिन्हें लगता था के आसान हैं हम
अंधेरों को उजाला बाँटते हैं
किसी कमरे का रोशनदान हैं हम
हमें ये ड़र है के हैवान हैं वो
उन्हें भी ड़र है के इंसान हैं हम
तुम्हारे दर पे कैसे सर करें ख़म
हमारी जान 'आक़िब खान' हैं हम
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