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छोड़ के उसको तुझे प्यार नहीं कर सकता - Asif Kaifi

छोड़ के उसको तुझे प्यार नहीं कर सकता
मैं कभी ख़ुदको गुनाहगार नहीं कर सकता

सोने वालों को जगाना हो जगा सकता हूँ
जागने वालों को बेदार नही कर सकता

मैंने देखे हैं जुदाई मे तड़पने इन्सां
मैं कभी आपसे तक़रार नही कर सकता

मुझको पढ़ने मे समझने मे तुम्हें मुश्क़िल हो
ख़ुदको इतना भी तो तेहदार नही कर सकता

मैंने इक उम्र की वहशत से ये जाना आसिफ़
इश्क़ कोई भी समझदार नहीं कर सकता

- Asif Kaifi

Ishq Shayari

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