ख़ुश-क़िस्मत हूँ जो ऐसी तदफ़ीन मिलेगी जेलर साब
अपने हाथों से वो मेरा कफ़न सियेगी जेलर साब
हो पाए तो आप मुझे बस इसी जगह दफ़ना देना
मुझको है उम्मीद यहाँ इक कली खिलेगी जेलर साब
अभी अभी तो उसके अब्बा इस शादी को माने थे
जाने अगले ख़त में वो क्या बात लिखेगी जेलर साब
फाँसी से पहले ये प्याला उससे वापस ले आना
इस प्याले से पानी वो इक बार पियेगी जेलर साब
बरसों तक क़ानून थका अब क़लम का मुँह भी टूट चुका
अब भी उस पगली की ज़िद है मुझ पे मरेगी जेलर साब
मेरी माँ से कह दो मुझको मुआफ़ करे मिलने आए
पूछो आख़िर बारी मेरे गाल छुएगी जेलर साब
बूढ़े हैं माँ बाप मेरे और छत बरसों से टपकती है
मेरी कट जाएगी उनकी कैसे कटेगी जेलर साब
सारी मिट्टी सड़ जाएगी गन्दी बदबू आएगी
जहाँ जहाँ ख़ून-ए-नाहक़ की बूँद गिरेगी जेलर साब
क़ैदीघर की आज हर इक दीवार गिरेगी जेलर साब
अब से हम कुत्तों की ही सरकार चलेगी जेलर साब
थोड़ा और सँभाले ख़ुद को कर लें अपनी आँखें बंद
बहुत जुगाड़ू चाकू है कुछ देर लगेगी जेलर साब
क्यों आख़िर इस जंगल में इन्साँ बनने की ठानी थी
अब इस दार पे हम दोनों की शाम ढलेगी जेलर साब
ठीक है माना आपको सीएम का ही सीधा ऑडर है
अपनी सत्ता आने दें ये बात उठेगी जेलर साब
सुना है मैंने इस हफ़्ते में कुछ तो होने वाला है
बावर्चीख़ाने में अचानक आग लगेगी जेलर साब
इन दीवारों को मेरा हर जुर्म पता है मेरे बाद
इस कमरे से बेहद गन्दी महक उठेगी जेलर साब
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