Dua Ali

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Dua Ali shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Dua Ali's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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Shayari
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  • Ghazal
ऐ दोस्त तू ने वार ये भरपूर कर दिया
पहले क़रीब कर के मुझे दूर कर दिया

रहती हूँ तेरी याद में मदहोश रात दिन
तेरे सुरूर-ओ-कैफ़ ने मख़मूर कर दिया

किशमिश सी नाज़नीन थी शाख़-ए-बदन मिरी
चाहत की आब-ओ-ताब से अंगूर कर दिया

ख़ुश्बू तिरे बदन की है साँसों में आज तक
तू ने मिलन के बा'द तो पुर-नूर कर दिया

तन्हाई ज़िंदगी की कठिन हो गई थी यार
लम्स-ओ-सुरूर बख़्श के मसरूर कर दिया

मुझ को शराब-ए-इश्क़ पिला ने की देर थी
मैं ने भी काएनात को मख़मूर कर दिया

मलबा तुम्हारी याद का ढोया है रात दिन
नाज़ुक सी एक लड़की को मज़दूर कर दिया

देती हैं मुझ को ता'ने मिरी सब सहेलियाँ
कहती हैं तुझ को इश्क़ ने मग़रूर कर दिया
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Dua Ali
अकेली क्यूँ रहे बिरहन ये बारिश ने कहा मुझ से
बुला ले पास तू साजन ये बारिश ने कहा मुझ से

तुम्हारी साँस महकेगी कि ताज़ा याद भी होगी
भिगोने दे मुझे आँगन ये बारिश ने कहा मुझ से

कभी तुम साथ भीगे थे मगर मफ़्हूम आँखें अब
भिगोती हैं तिरा दामन ये बारिश ने कहा मुझ से

समुंदर के किनारों पर चला था हम-क़दम लेकिन
बना वो शख़्स क्यूँ दुश्मन ये बारिश ने कहा मुझ से

हवाओं ने तिरा आँचल उड़ा डाला तिरे सर से
बड़ी मस्ती में है सावन ये बारिश ने कहा मुझ से

तिरे होंटों में सजती थी तिरे साजन के हाथों से
कभी इमली कभी जामन ये बारिश ने कहा मुझ से

कहीं परदेस में होगा 'दुआ' साजन को बुलवा ले
न यूँ बे-कार कर जीवन ये बारिश ने कहा मुझ से
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